अगली सुबह,
सुबह की हल्की धूप खिड़की से छनकर अन्दर आ रही थी, मगर ये सुबह अब पहले जैसी नहीं थी, क्योंकि इनाया की दुनिया भी अब पहले जैसी नहीं रही। कल रात की बात उसके कानों में गूँज रही थी।

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सुबह की हल्की धूप खिड़की से छनकर अन्दर आ रही थी, मगर ये सुबह अब पहले जैसी नहीं थी, क्योंकि इनाया की दुनिया भी अब पहले जैसी नहीं रही। कल रात की बात उसके कानों में गूँज रही थी।
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