जिंदल मेंशन, सुबह का वक्त।
इनाया सीढ़ियों से उतरते हुए नीचे आई, उसकी पायलों की आवाज़ पूरे हॉल में गूंज रही थी! वो उस मेहरून साड़ी और नई नवेली दुल्हन के श्रृंगार में किसी लक्ष्मी से कम नहीं लग रही थी।

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जिंदल मेंशन, सुबह का वक्त।
इनाया सीढ़ियों से उतरते हुए नीचे आई, उसकी पायलों की आवाज़ पूरे हॉल में गूंज रही थी! वो उस मेहरून साड़ी और नई नवेली दुल्हन के श्रृंगार में किसी लक्ष्मी से कम नहीं लग रही थी।
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