
चांदनी मेंशन, रात का वक़्त।
ध्रुव जैसे ही नीचे वाले रूम में आया, उसकी मुट्ठियां कस गई। उस रूम में चीज़े इधर उधर बिखरी पड़ी थी और एक दूसरा वास वहीं दीवार के सामने टूटा पड़ा था! दूसरी तरफ तारा निचे फ्लोर पर बेसूद सी सो रही थी।

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चांदनी मेंशन, रात का वक़्त।
ध्रुव जैसे ही नीचे वाले रूम में आया, उसकी मुट्ठियां कस गई। उस रूम में चीज़े इधर उधर बिखरी पड़ी थी और एक दूसरा वास वहीं दीवार के सामने टूटा पड़ा था! दूसरी तरफ तारा निचे फ्लोर पर बेसूद सी सो रही थी।

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